उपकार है माधो आपका हम पे बुलाया जो हम को अबनी शरण में ऐसा सुख है
मन भी खुश है आके वृन्दावन गलियन में
रादे रादे जपे मेरा मन और कुछ ना कहे मेरा मन
ब्रिज की हवाएं गीत सुनाएं रादे रंग में रंग सब जाएं
ब्रिज की हवाएं गीत सुनाएं रादे रंग में रंग सब जाएं
तरुवर देखो मसती में जूमें कितने अभागे जो आये न ब्रिज में
तुम सा बड़ा कोई नाम न मोहं और कुछ न कहे मेरा मन
रादे रादे जपे मेरा मन और कुछ न कहे मेरा मन
पंचिर जाएं शोर मचाएं ब्रजरज को हम शीश लगाएं
पंचिर जाएं शोर मचाएं ब्रजरज को हम शीश लगाएं
भक्त ये कैसे भक्ती में डूबें जो चाहोगे पाऊगे ब्रिज में
तुम सा कोई न देव की नंदन और कुछ न कहे मेरा मन
रादे रादे जपे मेरा मन और कुछ न कहे मेरा मन
रादे रादे जपे मेरा मन और कुछ न कहे मेरा मन