खान पे गोली मारते हैं
पिहार वलक्ते हैं
राहे खाली जूनूनून
में रङ्गढारी होला खून में
बुझायल रहे
राहे खाली जूनूनून में रंगढारी होला खून में
माठा फिर जाला जब बबूया दुसमन न रहे सुकून में
अपने मन के राजा हाई तेवर न सहते हैं
सबको डरा दे उसे विहार वाला कहते हैं
दुसमन से दुसमनी यारन से यारी सोपे भारी पोड़े लेके
जूकेगा नहीं साला
पड़े न सबको डरा दे उसे विहार वाला कहते हैं
जूपी विहार दूनो हाँवे भाई भाई काटे ले दुसमन के जैसे कसाई
मत भीडना गलती से तुम सब लोग ये कहते हैं
जो दबे न बेटा दाब के रखे उसे यूपी वाला कहते हैं
लखनव के हैं बेटा गाड़ पे गोली मारते हैं