उमरे सब धोखे में बीती गयो
दोधश बर्श बालापन बीते बीसम जौन भयो
दोधश बर्श बालापन बीते बीसम जौन भयो
तीस बर्श माया के फेरे देस बिदेस गयो
उमरे सब धोखे में बीती गयो
उमरे सब धोखे में बीती गयो
बड़ा अच्छा सब्द है एक कड़ी और गातो
नारत की कथा बाकी है सुना देख
कोई उब डूब तो नहीं रहा है
उबना डूबना मत
क्योंकि ये बार बार मौका नहीं मिलेगा
पूरा टाइम जितना है उतना सुना देख
आगे गाओ
बरस पचास कमर भाई तेडी सोचत खाट पड़ियो
लड़ी का बोहर बोली बोले
बुड़ा उमरी न गयो
उमरे सब
बुड़ा उमरी न गयो
दोखे मे भी ती गयो
उमरे सब
दोखे मे खोये दियो
दोखे मे खोये दियो
दोखे मे खोये दियो
उमरे सब
दोखे मे खोये दियो
बरस साथ
बरस साथ
वात पीत कप घेर लीन है
वात पीत कप घेर लीन है
आए नहीं ननीर बभो
उमर सब धोखे में बीती गए था
उमर सब धोखे में बीती गए था
धोखे में बीती गए था
और धोखे में बीती गए था
उमर सब
ना गुरु भक्ति ना सादु की सेवा ना सुभ कर्म कियो ना गुरु भक्ति ना सादु की सेवा ना सुभ कर्म कियो
कहे कबीर सुनो हो संतो चोला छूते गयो उमर सब धोखे में बीटे गयो
उमर सब धोखे में बीटे गयो
धोखे में बीटे गयो
धोखे में बीटे गयो
कि दोखे में बीटी गईयो उमर सब धोखे में बीटी गईयो उमर सब धोखे में बीटी गईयो
बोली शद्गुरु भगवान की जय