जब राज हो चोर उठे रोपा, जब राज हो चोर उठे रोपा, तो वो सच पर जूट का पहरा हूँ।जब कातल मुनसक बन जाएं, खालूं भी गूबा बहा, ऐसे ही दोर में आता है।ऐसे ही दोर में आता है, हर गाल्म से टक्राल।उमर मुखतार, उमर मुखतार।मजबूर परेशां पहले वतन, अपने ही घरों में डरते हो।आतिल का पता मालूम न हो, मस्जिद में नमाजी मरते हो।अल्लाह।अल्लाह।अल्लाह।अल्लाह।अल्लाह।अल्लाह।खातिल का पता मालूम न हो, मस्जिद में नमाजी मरते हो।ऐसे ही दोर में आता है।ऐसे ही दोर में आता है।भालिम से टक्राता हैउमर मुख्तारउमर मुख्तारउमर मुख्तारउमर मुख्तारसब आशिक सोहनी धरती केसब आशिक सोहनी धरती केजब पून के आँसु रोते होकुर्आन की जूती कस्मों परजब सारे धरते होऐसे ही दोर में आता हैअर जालिम से तक्राता हैउमर मुख्तानउमर मुख्तानउमर मुख्तानउमर मुख्तानजब खौफ से बंद जबाने होजब खौफ से बंद जबाने होऔर रहजन रहबर कहलाईकोई इजदत महफूज नहोकोई इजदत महफूज नहोमज़्डूम ही तूले परऐसे ही दोर में आता है अर जालिम से टकराता है उमर मुख्तारअर जालिम से टकराता है उमर मुख्तारअर जालिम से टकराता है उमर मुख्तारऐसे ही दोर में आता है अर जालिम से टकराता है उमर मुख्तारअर जालिम से टकराता है उमर मुख्तार