बाह!
प्रेम से बोली है शीव गुरु महराज की
जय हो!
जय हो!
जय हो!
जय हो!
जय हो!
जय हो!
जय हो!
जय हो!
जय हो!
जय हो!
उरामा विरुरामा आऊरे यबीर देखाऊरे यबीर
सीवा गुरु के जपरिया में
और कैसे कहना है पुनम्दी से?
कहमा से आई होलाल पियरंगवां
पुनम्दी से आई होलाल
पुनम्दी से आई
होलाल पियरंगवां
बोले साज़ दर्मार की जय हो!
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