जब कर दुलारी राही हाम नाई हारी के
हारी घारी घुमत राही साजिके साबारी के
सब कर दुलारी राही हाम नाई हारी के
हारी घारी घुमत राही साजिके साबारी के
सब कहत राहे हम राके किउटी बला
तो हर घरा बाके करत करत डिउटी बला
हम चिहा राके उड़े गाल बिउटी बला
तो हर घरावा के करत करत डिउटी बला, अमार छिहरा के उडि गैल डिउटी बला
रव्वा के कहनी लागाई घर में दाई, मुहा फुलाली हली तो हरोहो माई
रव्वा के कहनी लागाई घर में दाई, मुहा फुलाली हली तो हरोहो माई
किस मत गाईल हमरोई फुटी बला
तो हर घरावा के करत करत डिउटी बला, अमार छिहरा के उडि गैल डिउटी बला
तो हर घरावा के करत करत डिउटी बला
अमर छिहराके उडिगैल बिउटी बला
निराजा फिसिराही पापाजी के पारी
घरवाके एका हुना काम होकारी
तुता करेला बाति उची उची बला
तुहर घरवाके कानत करत डिउटी बला
अमर छिहराके उडिगैल बिउटी बला
तुहर घरवाके कानत करत डिउटी बला
अमर छिहराके उडिगैल बिउटी बला
विल्टी पाला