तेरी पुदरत, तेरी तदबीर, मुझे क्या मालूं
बनती होगी कहीं तकदीर, मुझे क्या मालूं
तूने मेरा यार ना मिलाया, मैं क्या जानू तेरी ये खुदा ही
मैं देस देस फिरा, कुछ निशा नहीं मिलता
तेरी जमीं पे मेरा
तूने मेरा यार ना मिलाया, मैं क्या जानू तेरी ये खुदा ही
मैं देस देस फिरा ना मिलाया, मैं क्या जानू तेरी ये खुदा ही
तूने मेरा यार ना मिलाया, मैं क्या जानू तेरी ये खुदा ये खुदा ही
ना मिलाया मैं क्या जानू तेरी ये खुदाई
तूने मेरा यार तूने मेरा यार तूने मेरा यार
ना मिलाया मैं क्या जानू तेरी ये खुदाई
अगर तू चाहे तो पत्थर के दिल को प्यार मिले
खिजा को रंग तो विराने को बहार मिले
ये क्या सितम है के मैं ही नपा सकूं उसको
के जिसके मिलने से दिल को मेरे करार मिले
तूने मेरा यार ना मिलाया
मैं क्या जानू तेरे
ये खुदाई
तूने मेरा यार
तूने मेरा यार
ना मिलाया
मैं क्या जानू तेरे
ये खुदाई
पहाड गम का मेरे
दस्ते ना तवां से उठा
पहाड गम का मेरे
मगर ये दूरी का परदा न दर्मियां से उठा
उठा ये दूरी का परदा जो तुझ से मुम्किन हो
नहीं तो आके मुझी को फिर इस जहां से उठा
तुने मेरा यार ना मिलाया मैं क्या जानूँ तेरी ये खुदा ही
तुने मेरा यार ना मिलाया मैं क्या जानूँ तेरी ये खुदा ही
तुने मेरा यार ना मिलाया मैं क्या जानूँ तेरी ये खुदा ही
तेरी ये खुदाई