तुने लिया ना हरी का ना भुराई करी बहुत घणी
बहुत घणी रे भाई बहुत घणी
लिया ना हरी का ना भुराई करी बहुत घणी
नरका चोला उतम पाया सुन्दर अंगतमा
मलमल नाया अतर रमाया चमका गोरा चाम
सभाई करी बहुत घणी
लिया ना हरी का ना भुराई करी बहुत घणी
बार बार शादी करवाई चोखा खर्चादा
बावडे चोखा खर्चादा
चोखा देके चली गई रे मिली नहीं असली बाम
सभाई करी बहुत घणी
लिया ना हरी का ना भुराई करी बहुत घणी
उच्छा उच्छा महल बनाया किया घणा
संग्राम आखिर सब कुछ चला छोड़के दिर्था हुया नानाम कमाई करी बहुत घणी
लिया ना हरी का ना भुराई करी बहुत घणी
संग्राम आखिर सब कुछ चला छोड़के दिर्था हुया ना भुराई करी बहुत घणी
लिया ना हरी का ना भुराई करी बहुत घणी
लिया ना हरी का ना भुराई करी बहुत घणी
लिया ना हरी का ना भुराई करी बहुत घणी
का नाम भुलाई करी बहुत बढ़ी