पल पल में बसी हो तुम, धड़कन में छुपी हो तुमसासों में बसी हो तुम, जिन्दगी मेरी हो तुमहर पल तुम्हें सोचू मैं, हर लमह तुम्हें पाऊं मैंतेरे बिना अधूरा हूँ, तेरे संग पूरा हूँतुम से मुहापत है, तुम ही मेरी चाहत हैतुम से मुहापत है, मेरी बिना राहत हैआखों में तेरा सपना है दिल में तेरा अपना हैहोठों पर तेरा नाम है हर भड़कन तेरा पैदाम हैतुझ में ही बसी है दुनिया सपनों की है ये गर्विनातु है मेरा सरा जहाँ तुझ सही दिल की राँतुम से महापत है तुम ही मेरी चाहत हैतुम से महापत है मेरी बिना राहत हैतुम से महापत है तुम से महापत है