तुम दीपत हो, नै हु पतंदा, नै हु चकोरी, तुम हो चंदा, तुम बिन कैसे जियूंगी सवरिया।मजल हो मैं जलके मसकर्या, मत जा मत जा, मत जा गोरुदी, मत जा मत जा, मत जा गोरुदी।पह्या परू मैं तोरे, तोरे।पह्या परू मैं तोरे, तोरे।मत जा, मत जा, मत जागोसपनों में आके तेरी निदिया को जाओगेप्यार भरे गेट जाके तोपे मैं जागाऊँगेओ जाने भाले फ़ापिया के लिर्पेमन के तपक दुशाउँगेमत जा, मत जा, मत जागोमत जा, मत जा, मत जागोनहीं भी मत, मत जाने हैं होकेजाने ना दूँगी, जाने ना दूँगीतज़गूँगी अपना शरीचहै मेरे वैशी, तू खा जानेमेरे हिल्दा की शिल्दमेरे हिल्दाग्राह मे वैशी हैमत जा, मत जा, मत भागोमत जा, मत जा, मत भागोपरंतो मेरे अन्त खरण भी तत्तो?वो क्यों कह रहे हैं है?कुछ नहीं हुँ, महझाराजवो भी वही कह रहे हैत्रेम की दोरु कष्चा ठादा तो नभू noਸੇ ਤੁ ਜਾਵੀ ਉੱੀ ਸੋਲੁ ਕੇ ਸੋ ਸੋਲੁ ਇੱੇ ਸੇ ਜਾਵੀ ਉੱੀ ਸੋਲੁ ਕੇ ਸੋਲੁ ਇੱੇतै जाने भाइँ मत जागे, पै यापरुँ अई तो रे, मत जा, मत जा, मत जागे, मत जा, मत जा, मत जागे।
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