उल्सी दासने राम चाहिए
प्रेम भाओ से रामायण को पढ़ते हैं अञ्जणी लाला
तुलसी दासने राम चाहिए
प्रेम भाओ से रामायण को पढ़ते हैं अञ्जणी लाला
हाथ जोड बोले हनुमान
तुलसी जी तुम बड़े माहान
तुलसी जी तुम बढ़े महान
जिसका भेद कोई ना जाने उस भगवान का किया बखान
उस भगवान का किया बखान
हत जोड बोले हनुमान.
तुलसी जी तुम बढ़े महान
भेद कोई ना जाने उस भगवान का किया बखान
आमर रहेगा सदा तू जग में राम चरित लिखने वाला
उलसी रास ने राम चरित मानस को कैसे लिख डाला
प्रेम भाओ से रामायन को पढ़ते हैं अंजनी लाला
जिसके हाथ में सारे जग का रहता है लेखा जोखा
समय बड़ा बलवान समय भगवान को देता है धोखा
जिसके हाथ में सारे जग का रहता है लेखा जोखा
समय बड़ा बलवान समय भगवान को देता है धोखा
सीता जी की रखवाली ना कर पाया जग रखवाला
प्रेम भाओ से रमायण को पढ़ते हैं अंजनी लाला
सीता हरन किया रावन ने मृत्यू लोक वो पहुचाया
राम भक्त जब बने विभीषंट लंगापती वो कहलाया
सीता हरन कीया रावन ने तो मृत्यू लोक वो पहुचाया
राम भक्त जब बने विभीषंत लंगापती वो केहलाया
धन्या धन्या तुलसी की कलम लिखे राम राज जो मत वाला
तुलसी दास ने राम चरित मानस को कैसे लिख डाला
प्रेम भाव से रामायण को पढ़ते हैं अंजनी लाला
तुलसी दास ने राम चरित मानस को कैसे लिख डाला
प्रेम भाव से रामायण को पढ़ते हैं अंजनी लाला
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