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Bài hát tulsi mata amritwani do ca sĩ Rinky Vishwakarma thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat tulsi mata amritwani - Rinky Vishwakarma ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Tulsi Mata Amritwani chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
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Lời bài hát: Tulsi Mata Amritwani

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

श्री विश्णू भगवान को क्य थम नवाऊं शीष।
मेरे हिर्दई बिराजिये दया मैं जगदीश।
तुलसी मा की वदना करती हूँ कर जोड
हे गणपति गडराज तुम साथ न देना छोड
कैसे तुलसी मा रही हर
मस्तक परसाज
कैसे श्री भगवान के
बगल रही है बिराज
कैसे जनम हुआ इनका कैसे पड़ा है नाम कैसे तुलसी को सभी
पूजे सुभ हो शाम
जै जै तुलसी मा जै जै
तुलसी मा
श्री विश्णू को क्यों मिला पति विता से श्राब
कैसे बने
पाशाण वो
जहिल रहे संताव
दैत जलंधर नाम का बहुत बड़ा बलवान
बहुत बड़ा दुरचारी था
बहुत बड़ा शैताव
नारधांगनी वृन्दा नाम कहाई पति जलंधर
उसका जो
शक्ति मान कहाई
स्वर्दलोक के देवता मन में रहे गबराई
बनी जलंधर दैत से
कैसे प्राण बचाई
सुन्गर इस्त्रि देखकर लेता उसे उठाए
इस्त्रि उस शैताण से हो जाते असहाई
मन मानी करके उसे देता था वो मार
दैत जलंधर से सभी
देवता गए थे हार
भैसे धरधर का अपते इंद्र देव बगवान सिंधासन भी जाएगा और जाएँगे प्राण
भाग रह थे देवता हो करके वय भीर
उस राक्षस शैताण से कौन सकेगा जीत
जय जय तुलसी माद थी विंदार धाँगनी उसके शत्री साथ
यसी लिए उस दैत की होती नही थी हार
पतिन कितप से दैत वो बना था शक्तिवान पतिवता पतनी से वो
कहना ए बलवान
आया ना कभी देखे नजर उठाए
इसी लिए ही विंदा वो
पतिवता कहलाए
दैत जलंधर घूमता होके मद में छूर सर्प चड़ा भीमान हो
कैसे चकना छूर
जै जैतु सीमा जै जैतु सीमा जै
जैतु सीमा
जै जैतु सीमा
दैत
जलंधर
अत्याचारी हरलाता था सुन्दर नारी नहीं किसी से डरने वाला
सारे दीव घबराए फिरते अपनी प्राण बचाए फिरते कोई नहीं जो संकट टाले
शोर मचा था शोर बड़ा ही
जोर मचा था
इंद्र लोक पर
संकट चाया
दैवर जलंधर कहां से आया
सोयो जन तक उसका तन था
भरा क्रोध से उसका मन था
आग ओगलती उसकी आखे
आगी सी चनती थी सासे
सारे दीवता जुगत लगाए
कैसे अपने प्राण बचाए सबने मिल कर किया विचार हरी करेंगे नहीं आपार
संकत में हरी हमारे प्राण बचालो
संकत में है जान बचालो
बड़ा
भयंकर दैत जलंधर आबैठा है स्वर्ग की अंदर
स्वर्ग लोक पर संकट भारी
श्री हरी रक्षा करो हमारी
श्री हरी जी मुस्काती है देवगडो को समझाती है
व्यर्त में चिंतित हो तुम सारे मैं सदा हूँ साथ तुमारे
उस दानव का अंत करूँगा कश्टो का अंत तुरंट करूँगा उस
दानव की है जो नारी नहीं है इसकी शक्ति सारी महाबली जो
दैत जलंधर हारेगा वो रण के अंदर
यदि व्रिंडा का तप हट जाये अतीमता हो मा रह जाये
उसके पती के
वेश में करूँगा पतिव्रत भंग
शयन करूँगा रात्री में मैं व्रिंडा के संग व्रिंडा के पतिव्रत को मिठाने
पत्विनी धरम को भंग कराने श्रीः हरे माई जो नारी नहीं है
पतव्रत उसका भंग हो गया मैला उसका अंग हो गया शक्ति हीन हो गया
जलंदर मार गया वो रड के अंदर
व्रिंडा को जब मिली सूचना जायेगी उसके मन की चेतना
व्रिंडा बोली क्रोध में आकर वाद्र रूप विक्रार बनाकर
कौन हो तुम ये सत्य बताओ अपने असली रूप में आओ मेरे धर्म को भंग किया है
श्रीः हरे निज़ रूप में आकर व्रिंडा से बोले समझाकर
व्रिंडा यदी ऐसा ना करता व्रिंडा क्रोध से लगी थी जलने
क्रोध से आखे लगी उबलने बोली तुम
पाशाड हो जाओ
श्राप दे दिया व्रिंडा ने हरे हुए पाशाड
प्राणों के होते हुए भी लग रहे थे निशप्राण
देव लगे सारे घवराने उस व्रिंडा का
क्रोध मिटाने
पती तुमारा था दुराचारी उसकी मती गई थी मारी उसका वद्ध करने के
खातर यही रास्ता बचा था व्रिंडा
ने खिली राक से श्रीः हरी वरदान दे रहे तुलसी को पहचान दे रहे
पूजी जाओ मेरे संग में सदा रहो
मेरे अंग संग में मेरी पूजा जहां भी होगी तुलसी तुम भी वहां
रहोगी घर घर
तुलसी पूजन होगा तुम से सजा हर आंगन होगा
प्रणैस वि�
तब से
तुलसी मा कहनाई श्रीः हरी की बन परचाई
तुलसी विवाह की रीत होगई पतीवता की जीत होगई
जो करते हो तुलसी पूज कटता है खुशीयों में
जीवत कश्ट कलेश नधर में आए
तुलसी मा से आंगन
महते
चिडियां जैसे जीवन चहते महालक्षमी धन बरसाए
तुलसी मा सुखदेव के सिर पर रखना हाथ हाथ जोड़कर वन्दना रिंकी और कैलाश

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