इक पल भी ना गुज़रता है
तेरे बिना क्यों रहता हूँ
चैन मुझे मिल जाता है
जब जब तुझसे मिलता हूँ
क्या लगती हो तुम मेरी
खुद से मैं पूछा करता हूँ
हो गया है ये मुझे को यकी तुझसे मोहबत करता हूँ
जाने कहा मैं जाने लगा हूँ मुझे को खबर नहीं
साथ हो तुम जो बात हो क्या फिर कोई भी डर नहीं
मेरे कदम तुम तक ही तुम ही तक मैं चलता हूँ
हो गया है ये मुझे को यकी तुझसे मोहबत करता हूँ
मेरे भी दिल की तुम सुन लो
तुम जो बात हो गया है ये मुझे को यकी तुझसे
मोहबत करता हूँ
हो गया है ये मुझे को यकी
तुझसे मोहबत करता हूँ
हाँ ढोंड तुझे ही जाओ जहाँ भी मुझे ये क्या हुआ चाहो तुझे ही मांगो
तुझे ही तु है मेरे दूआ हर पल तेरी बाते खुद से अब मैं करती हूँ
हम