तू ही तो जन्नत मेरे, तू ही मेरा जुनूँ
तू ही तो मननत मेरे, तू ही रूखा सुकून
तू ही अख्छे उठ ढंडक, तू ही दिल के है जस्तक
और कुछ ना जानू, मैं बस इतना ही जानू
तुझ में रब दिखता है, क्या रहा मैं क्या करू
सजगे सर जुकता है, क्या रहा मैं क्या करू
तुझ में रब दिखता है, क्या रहा मैं क्या करू
छम छम आए, मुझे तरसाए, तेरा साया छेड के जुमता
तुझ मुस्काए, तुझ शरुमाए, जैसा मेरा है हुदा जुमता
तुही मेरे है वरगत, तुही मेरी बादत, और कच ना जाना, बस इतना ही जानू
तुझ में रब दिखता है, क्या रहा मैं क्या करू
सजदे सर छुकता है, क्या रहा मैं क्या करू
तुझ में रब दिखता है, क्या रहा मैं क्या करू
रबने बनादी जोड़ी है
क्या रहा मैं क्या करू