बाप कैलों प्यार में सराप देत बनी
जैसे हाम
रोवा तानी ओ सही तो हूड़ों बुरानी
पापना है
सुखी दोहराया खीरा से पानी
जैसे हाम रोवा तानी ओ सही तो हूड़ों बुरानी
प्यार में हम बफ़दारी कोईनी तू कैलों गधारी
खक न भाईल मन में की दुसमन से भाईल बायारी
गो दुसमन से भाईल बायारी
साप नाई खेदी तू हर भाँ फुलेले बानी
जैसे हाम रोवा तानी ओ सही तो हूड़ों बुरानी
सबके सबकुछ कहीलों गहीलों सानी किसन के टारी के
तने बता दो सपना दिखा के छोड़ा लूग
गधारी के
जाब सुनी ना में तू हर काप जात बानी
जैसे हाम रोवा तानी ओ सही तो हूड़ों बुरानी