तूने देखा है कभी
एक नजर शाम के बाद
कितने चुप चाप से लगते हैं
शजर शाम के बाद
तूने देखा है कभी
एक नजर शाम के बाद
तू है सूरज
तूने चुप चाप से लगते हैं
तूने मालूम कहां रात का दुख
तू है सूरज
तूने मालूम कहां रात का दुख
तू किसी रोज उतर
मेरे घर शाम
के बाद
तू किसी रोज उतर
मेरे घर शाम के बाद
कितने चुप चाप से लगते हैं
शजर शाम के बाद
तूने देखा है कभी
तू तेरे आगा है कभी
एक नजर शाम के बाद
एक नजर शाम के बाद
एक नजर baby
लौट आए न किसी रोज वो आवारा मिजाज
लौट आए न किसी रोज वो आवारा मिजाज
खोल रखते हैं इसी आस पे दर्शाम के बाद
खोल रखते हैं
इसी आस पे दर्शाम के बाद
कितने चुप चाप से लगते हैं
शजर शाम के बाद
तूने देखा है कभी एक नजर शाम
के बाद
शाम से पहले वो मस्त अपनी उड़ानों में रहा
शाम से पहले वो मस्त अपनी उड़ानों में रहा
जिसके हाथों में थे तूटे हुए परशाम के बाद
जिसके हाथों में थे
जिसके हाथों में थे तूटे हुए परशाम के बाद
कितने चुप जाप से लगते हैं
शजर शाम के बाद
तूने देखा है कभी एक नजर शाम के बाद
तूने देखा है कभी एक नजर शाम के बाद
कितने चुप जाप से लगते हैं
शजर शाम के बाद
तूने देखा है कभी
एक नजर शाम के बाद
शाम के बाव