तू मेरे सामने यूँ ही बैठी रहे
मैं उस पल तुझे यूँ ही देखा करूँ
सोचा करूँ जो मैं क्या तुझे कहूँ
या फिर ये बातें दिल की दिल में रखूँ
और कह भी दूँ तो क्या जाहिर करूँ जो तुझे जाने ना
तू मेरे सामने यूँ ही बैठी रहे
मैं उस पल तुझे यूँ ही देखा करूँ
सोचा करूँ जो मैं क्या तुझे कहूँ
सारी सारी रातों में तेरे खयाल संग सोता मैं रहा
एक पल भी ऐसा ना हुआ जब तेरे इश्क में फिर ना गेरा
मीठी मीठी सी हसी तेरी खिला खिला छेहरा तेरा
नजर आए हर वक्त सामने चलू मैं जहाँ यूँ
ना फिर तू कदम ऐसे उठ के ना यूँ तूर जा
तू मेरे सामने यूँ ही बैठी रहे मैं उस पल तुझे यूँ ही देखा करूँ
मुझे आपके लिए करने के लिए करते हैं