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Tota Maina Ki Kahani (Ziddi Aurat) Bhag 1

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Lời bài hát: Tota Maina Ki Kahani (Ziddi Aurat) Bhag 1

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

कि तोता मैना की कहानी रहे के सिट में गाए
स्रोता ध्यान देखिए सुनो भारत रहे सुना
आद्रढिय उपस्थित हमारे सभी स्रोता गड़बंधू स्वागत है एक नई कहानी में जो आप तक नहीं पहुची है
तोता मैना की कहानी जिद्धी ओरत
आजित
जाइए कहानी में जोर करते हैं
के बिना विचारे जो करें सो पीछे पछेताएं
काम विगारे आपनो जग में हसी कराएं
दोस्तो एक डाल पर
मैं
मेना और तोता बैठे हैं दोनों में बाते हो रही है
के यो पवने के मत्धी मेना ने
और तोता को गिरा सुनाई है
के यो पवने के मत्धी मेना ने
के यो पवने के मत्धी मेना ने

के यो पवने के मत्धी मेना ने
के यो पवने के मत्धी मेना ने



आपको मेरा सुनाई है के मेरे पास में बैठो ओ प्यारे का जो मन की लेओ बतलाई है
मैं ना कहती है तोता से आईए प्यारे इतनी दूर क्यों बैठे हो नज़ती काओ ना
कुछ अपने मन की कहे तो कुछ मेरे मन की सुलो तोता तेड़ी नज़र कोल की बोला बागल है क्यों
आरे अथोता बोलो ओ रीमेना के मतलब को पास बुलानी है
की जब मतलब पूरा हो जाता तो हमको आखी दिखाती है
नारीय जाती के अंदर यह बहुत बड़ा अग्ड़ होता है कि अपने मतलब की बात होती है तो बड़ा मीठा बोलती है
कि मैंना बोली अच्छा हां
आदमी मतलब ही नहीं होता है मैला ही मतलब ही होती है लेकिन और क्या
केने लगी सुनो महराज
आरे मैना लागी केन
सुनो सुख पेन गिरा ओ चारी
आरे मतलब के होते है
मर्द बिना मतलब की होती नारी
बिना मतलब की होती नारी
बिना मतलब की होती नारी
मतलब के होते मर्द बिना मतलब की होती नारी
बिना मतलब के होते मर्द बिना मतलब की होती नारी
आरे कहते बेल पुराण
सुनो दे प्रिहान विश्वम बना दी
के मरतन के चक्कर फशिके ले
मर गई लाखन शारी
तोता बोला इतनी सीधी मत बनो
बिलकुल कुरा कुरा जूत बोल लही हो
तोता बोलो
के तब
तोता बोलो मानी, मती में ना बनो स्यानी
अरे मरदन की दिल ना इंगिलानी, तो मैं आगे की सुनियो कहादी
तोता गुस्से में आ गया और मैना से बोला सुनो
औरतें कितनी जिद्धी होती हैं कि लोगों की जान तक चली जाती है
कोई है तुम्हाई नजर में जी, बोले हाँ सुनो
आरे सुने मैं ना मेरी पासरे तोता नेंगे रायु चारी
सुने मैं ना मेरी पासरे तोता नेंगे रायु चारी
आरे सुने मैं ना मेरी पासरे तोता नेंगे रायु चारी
महाराज नहीं राय चाली
अरे ना रे हटी ली ओखी रे
वो लकी बात अभिगारी
महाराज नहीं तो सायसी बाली
जाकों कई नहीं तो बल्डनेल सी ढरती नहों पाली
मैं ना सुझियों मेरी बात के
जित्ता नहीं
एकात का नाम तो बताओ
एकात तुमने देखी है ऐसी
बोले हाँ
देखिये सुनो
सुनाओ
तोता के सुन की बचन
में ना कहे समझाई
भस मर्दों के प्रेम में
नारी बहुत पच्छताए
एक नहीं हजारों दिखा दूँगी तुमें
दगावाज आदमी
और तुमें एक ही बताओ मैं कोई नारी ऐसी हो
जुद्धी होई
अपनी जुद्ध में का हुआ आदमी ये खायेगी होई
तो तोता बोला सुन
तोता बोला भामिनी सुनियो तिहान लगाए
जादा सेखी मती भरे
तो एदवू साची कथा सुनाए
सुन मैं ना
तु लंबी लंबी हाक रही है
एसी कहाँ
एसी कथा सुनाओंगा
तुझे भी दर्द हो जाएगी
आरेक नगर के साथ
सपेरा जंगल में आए
एक राजनीत
एक राजनीत
एक राज के साथ सपेरा ब्रह्मण के लिए निकले हैं गोरी
आरे सपेरा जंगल में आए
अरे एक प्रच के नीचे तैची की आपस बतलाए
अरे एक प्रच के नीचे पैठी की आपस में बतलाए
तो ता बोला मैंना
सपेरा साथ थे
तो ता बोला मैंना
एक साथ बैठे हैं और आपस में बतला रहे हैं
एक बोलो
आरे ये लनेंगरा उच्छाली है
क्या
ना पामी लागे मोही सहेया बिसी अरभारी है
आरे पामी लागे मोही सहेया
बिसी अरभारी है
सन मैंना
बागी
जगए को देख कर परग गई कि यहाँ साप की माई है
और यहाँ सरप रहते
और यहाँ सरप रहते और यहाँ सरप रहते
तो बोले चलो
चेक कर लेते हैं
कलो
अरे सपेरा भीन बजाई रहे
सपेरा
अरे भीन बजाई रहे
अरे पामी से लिकल के
सरप अजारी
उनके आई रहे
अरे भीन बजे argh



आरे पहन्गर
अरे पहन्गर
लूटढढठां नाणी
जीकुनAct
अरे पहन्गर
तक बीन बजो
तक बीन बजो
तो मैंना
तरे तरे के नाज निकल के आ रहे है
किसी की पाल
किसी की ताड़ी है
अरे भयंकर जूट जटा धारी
अरे लंग भी रंगे नाग लेहरा ले रहे हैं भारी
मैना बीन बजता रहा नाग आते रहे
और एक सुन्दर नाग अजब सा था कैसा था वो
नाग आते रहे
एक सुन्दर नाग अजब सा था वो करिलो पंद बिटारी है
सब नाग चले रहे एक बहुत सुन्दर नाग था इसे देश करके बागी मोहित हो गए उन्होंने वो उठाओ
एक सुन्दर नागी अजबता है वो कैलो बन्द पिटारी है
अरे सुरत सपेरा चल ली ने खुश है एक दिल अति महारी है
बड़े भूरे पूछन लगे लला
ज़न आगे काई कुछ पकड़ लाए हो
तो बागी लोग बोले दादा ये नाम अच्छा लगा था
खैंचे
खेल होगा तो दिखाएंगे और ये बहुत सुन्दर है
खेल में लोग बड़े प्रभावित होंगे इस नाग से
घर याई की पिटारो खोली लो
सब मल में अब चटनाए है
गायत था नाग पिटारे से
लगी हाथ दधो तहर चाए है
नाए क्लाइब हो गया और मैना वो नाग बन गया
हीरा मोतियों का हाथ
हीरा मोती से जड़ा हुआ
एक हार नजर जब याया है
एक बूडे एक बूडे
जैसे कहना लगे
मेरी समझ में नहीं आया है
मैना
बागी तो नाग समझ के ले गए थे
पिटारे में बंद करके घर जाके
बुझरगों को दिखाया कि बहुत सुन्दर नाग लाए है
लेकिन वो नाग नहीं था
हीरा मोतियों का
एक हार बन गया
तो घर के लोग बोले कि
इस हार का हमारे पास क्या काम है
ये तो राजा
चित्र सेन के गले में सोबा देगा
चलो चलते हैं
महराज के पास गए
आरे मुपते कौम है
तो जाई है
राजा ने खुशी मनाईये
अरे आदत से
शिरी मुझे
तू बने
मैं तक करी सुइकार
आरे खोली पितारा
देखी रहे
चमकी रो ये खिहार
मैना
सपेराओ ने राजा को वो हार भेट कर दिया
लेकिन जो लाए थे वे चक्कर में
जिजे तो नाग था
ये हीरा मोती का हार बन गया है
कुछ गड़बड है उन्होंने राजा को नहीं बताया
आरे हार अखे बदले
अरे कमना वाली
आरे तहला बोलो भी तही है बच्चा
एक साथ सपेराओ खुशी के बारे
रहे ही अपने दर को जाए
आरे कमक्ख तेरी कौन धीला है
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे जाए तहटेंगे लिजा राणी कौन
पेरे की दोरी धन्दी ये दिफार
आरे कमक्ख तेरी को जाए
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
आरे लाई महलन की सीधन गार
लल में बदलिन बदाई है लाजा लो बाल लुटवाई है
एक लगुरूले बुलवाई है लाला दो नाव घरवाई है
कि मेरे भाईया राजा ने ब्राह्मण देवता को बुलवाया लड़के का नामकर्ण संसकार करवाया
पिता का नाम था वैसा ही पुत्र का नाम रखवा दिया
बेटे का नाम करवाया
का नाम रखवा दिया चंद्रशेक मेरे भाईया इधर महाराज बड़े मगन है और सोचने लगे हैं कि भगवान ने हमें
पुत्र दिया है चित्रशेन के पुत्र हैं चंद्रशेन बड़े मगन रहते हैं सुन्नर छवी थी कुमर की
देखी सभी हरसाई तोता रोलाएं में ना सुनती रहना चित्रलाएं सुन तो रहिए ऊपर जामें खतरना
गोरत काएं पहले पूरी कानी तो सुन सुनाओ कि जो राजा का लड़का है ना चित्रशेन यहां यह धीरे-धीरे
आरे धीरे-धीरे स्यानों ललाभो भाई
आरे कुर्कुल जाके लेका करें पढ़ाई
महाराज कुमर पे अरे चली कमाई है
अरे तो तालो समझाएं
अरे तो तालो समझाएं
मैला सुने आगे कहाड़ी है
गोरी कगन देव एक राजा
साधी को लड़का दे भी रए
प्यारी कगन देव एक राजा
विज्ञा को लड़का देव ले रए
गिगल सेप ची नुंगर प्रणKeरिया
आरे पेज़न ती चारों पतिषी नुधारहरी के दर्गानादी
नाम कहा है अरे स्यानी सुता वही महलन में लानी ला जा गए है पतला
अब दो कि अ इधर चित्रशेन पर जामानी है आधी कि योगों महाराज सोचते हैं कि चित्रशेन की साधी करेंगे
में ओजर
में ओजर
महाराज है गगंदेव उनकी बेटी है देजन्ती वो दोनों पत्पत्नी शला कर रहे हैं कि लड़का ऐसा मिले
जो आज तक किसी नगर में ना आया है कैसा
दिवोश के पड़ी पिछली असल लड़का पर रहो है कि अरे फिली अहाँ करे टो हुआ है
गई है ही

इन अरेजार आख वापर के दिल निगरी तैया फॉर दिल में गई थे तुझा evaluation
अरे लोई कोमड़े अरे कवन देवले अरे लिजद्वारे फैले बुनबाज
अरे कुछ नत छिड़ा नहीं है करमे सुन्दर मे कादे भोजा
अरे कुछ नत छिड़ा नहीं है करमे सुन्दर मे कादे भोजा
लड़का देखो और ये टीका ले जाओ पक्का करके आना
और तुम्हें मालुम है के हमारी बेटी कैसी है
ऐसा लड़का देखके आना जो कोई फेल न करे
तो दोस्तों
आज
आजकल तो घर के लोग लड़का देखते हैं पहले राजकंत्र में नाई और ब्रह्मण ही बर्णा को नियुक्त करते थे
गोड़ा पे चड़के दूर तक निकल गए दूर दूर दूर दूर भूमे कोई राजकुमार नहीं मिला
महराज के पुत्र चित्रसेन के पुत्र चंद्रसेन पर जब नजर पड़ी है नाई ब्रह्मण की
क्या सुन्दर रूप है
नाई पलकी बेर लगाई देखा
महराज


अरे ठीका खोरत गहाई दे
चित्र सेन को चौकी बे बिठा के नाई ब्रह्मण ने सुम महुरत में
राजकुमारी बैजन्ती का तूला नियुक्त कर दिया और हुआ ये
के महलन में बदी बदाई दे
और मैना उथर बैजन्ती मन हर ताई
टीका लेके जब विपर चले हैं और महाराज के पुत्र चित्र सेन को टीका चढ़ा दिया है दोस्तों
चंद्र सेन दूला बन करके बैठे हैं और बड़े मगन हैं बड़ी धूमदाम से बरात जा रही है
तो दोस्तों
का विधान तोता सुना रहा है मैना सुन रही है
अरे प्रहामण मगली में अरे आए गए हैं सुनी मैना भी
हमारे चैत्र
का स्ववाद मूद से छोटे हैं
आरे थैंच पुल Sammy we we थैंच नमपेशिकालाई हैं उन्हें आप दोस्तों जतर से हुआ है और � Coccal
अरे सक्यन मोद मंगन काए
के प्रहामण मंत्र सुनाई रहे हैं सुनी है नारी
मेरे भाईया तोता समझाने लगा है अरी मैना चित्रशेन महाराज वड़े मंगन है के मेरे बेटा चंद्रशेन का विभा हो रहा है और धीरे धीरे जब विभा हुआ
तो लड़की की मासा विदा होकर गई है और जब विदा होकर गई ब्राह्मण नाऊबारी भाट सभी लोग दच्चणा ले लेकर
चले गए हैं धीरे-धीरे जब समय व्यक्ति होता गया तो गांव के लोग महाराणी को देखने आते हैं कि भविष्की नई राणी है
है और यह चंद्रसेन बैजनती से बहुत प्यार करते हैं बहुत प्यार है कि सबका जीवन एक जैसा होता है
धीरे-धीरे सब गुल मिल जाते हैं और समय व्यक्ति दोषदा किया है एक दिन को बैजनती से दासी क्या कहती है
देवी, हाँ, एक बात कहें, बोलो, नाराज तो नहीं हो जाओगी, ना ना बोलो
के बेदल्दी की नासी कहती है, और रानी खता माफ़ मेरी कर देना
और अपने पत से, चुपके से
और वोत्र उलिका पूछि लेना
आरे पिता को नाम पूछो देवी
आरे पिता को नाम पूछो देवी
आरे पिता को नाम पूछो देवी
आरे पिता को नाम पूछो देवी
आरे पिता को नाम पूछो देवी
मेरे भाईया, दाशी के सुनके बचन बेजंती मुश्काए
क्या कोई संदे है तुमें रई बचन सुनाए
इनके गोत्र पर, इनके नाम पर, इनके बंस पर तुमें कोई दिदी संकाए क्या?
है?
रात्री का समय है हाँ सब
और पती देव आ गए
बेजंती धीरे धीरे पेर दवा रही है
और महलाओं के अंदर ये ये बहुत अच्छा पॉइंट होता है
जब अपनी कोई बात पूछनी हो
वैसे सीधे में बात नहीं होगी
लेकिन अपनी कोई बात पूछनी हो तो बगर कई सुने पॉइंट लग जाएगी
और धीरे धीरे धीरे धीरे में पॉइंट पर आती है
आ गई महरानी बेजंती बोली महराज
आ गई महरानी बेजंती बोली महराज
आ गई महरानी बेजंती बोली महराज
ऐसा क्या है कि मेरी कसम खाओ नाराज तो नहीं होगी
तो तुमारी कसम नहीं होगी
आ गई महरानी बेजंती बोली महराज
आ गई महरानी बेजंती बोली महराज
आ गई महरानी बेजंती बोली महराज
आ गई महरानी बेजंती बेजंती बेजंती
आ गई महरानी बेजंती बेजंती
आ गई महरानी बेजंती बेजंती

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