चनाचा चारी सोनही
चनाचा चारी सोनही
बेट सुबार दिपड दिकश
कोई सं कोई लू हमसे प्यारो देलू जीनी गी बिगारो मर जै ब्याले पसारी रे
ब्याले पसारी रे
जबू बरी थी निकला,
बूतू डोलीद की ओं अक खोली जानाचा चारी सुनही रे
जबू बरी थी निकला,
बूतू डोलीद की ओं अक खोलीद जानाचा चारी सुनही रे
म्यूजिक बाई मंजरा स्टूडियो
प्यार में हमरा तु कावण कमी पईल हो ना ता तोड़िये के हमसे कहा जयीबू हो
पूपा कैले रहू आदा कैसे भुलालू ये दादा
तुहरा साथे हमर हब भवो धोखा नही करव
जब बही थी निकला भूतु डोली देखी हो याखे खोली जाना जा जाई संगाईरे
हम जननी ना इतने कथर बानेवू हमरा रहते ही दो सरा के धन बानेवू
हमना जननी की इतना कथर बानेवू
हमरा रहते ही दो सरा के धन बानेवू
तुफान निति सके पाके खोसे बाड़ू भीरी जाके
मन जीमित जली जाई हैं मिल्या कबर पयाके
खुदा करी हेर हम साथे आगे हमरा हम पिछा डोली रे
जब बाई थी निकली हाथू डोली देखी हाई आख खोली जनना जा जाई संगाईरे
जब बाई थी निकली हाथू डोली देखी हाई आख खोली जनना जा जाई संगाईरे