ओ छैलन के मन डोले भादो ही में मन डोले
तो हर गाल बोले गप्पा जाने ले ले रे बप्पा चले चोली के बटनिया खोले
तो हर गाल बोले गप्पा जाने ले ले रे बप्पा चले चोली के बटनिया खोले
जवनियां मारे ही चिकोले
सुना सबे रूप के दिवाना चरके ना एंसे पैमाना जिबी देखे ना सचाड़े होले होले
ओ छैलन के मन डोले
ओ छैलन के मन डोले
दोले
गम कता हो ठवाते ले मन के फले वर गजब के सिंगार तो हाँ ना खराई तेवर
साथी के पजरवा कैला गड़ बड़ मिजाज़को पाड़ी लेला हमारी जमनिया के राज़को
मन करे भर्ली कोरा तो हे दिया के या जोरा घरम लागे देहिया में भर सोले
जमनिया हमारे ही चिकोले
अच्छा उठाए लन के मन डोले भदो ही में मन डोले
बार तु सहरी बुला हाँ वेला बहरी पीले बा पानी छल का देवा गगरी
खुस के दे भर पुर्गा रहंटी हाँ मार बा हमसे दोसी कोही लेसे या इन्नी खार बा
तु भदो ही के रंग बाज कैसे करी हम नराज तो हर प्यार हमरे सीरे चड़ बोले
ओ छैलन के मन डोले भदो ही में मन डोले