जाना कस्सा हाल नदिये तैसरा मन बावरें
तो शराबी मन शराबी प्यादों यक जावरें
तो भी शराबी मन भी शराबी पैकि बोवरतों पैकि मनादे
बूतल बेचारने माईं
मन्जिल महे धीमाईं
मन तो दोईं मूडाईं, मूडाईं, मन तो दोईं मूडाईं
हरची देला परमातया तेरा सहरवार अंचु जुदा बुत्ते तो रूची न कोयार
हरची देला परमातया तेरा सहरवार अंचु जुदा बुत्ते तो रूची न कोयार
तो भी शरावी, मन भी शरावी पेकि बोवर तो पेकि मनादे
बूतल बेचारने माईं मन्जिल महे धीमाईं
मन तो दोए मुडाईं
बरपच गल्दन तें बर चपकं गिलासा यार भी सग मरची रूकीं देले हासा
रूकीं देले हासा
तो भी शरावी,
मन भी शरावी
पेकि बोवर तो पेकि मनादे
बूतल बेचारने माईं
मन्जिल महे धीमाईं
मन तो दोए मुडाईं
चूनि गमीदाता तो एचनबे भी हाल,
नो साल जोहे बसता नु हस्देगा चुन साल
चूनि गमीदाता तो एचनबे भी हाल,
नो साल जोहे बसता नु हस्देगा चुन साल
तो भी शरावी मन भी शरावी पेकि बोवर तो पेकि मनादे
बूतल बेचारने माईं मन्जिल महे धीमाईं मन तो दोए मुडाईं