तो मचारादें का दिल बरतो चत्रुस्ताँ शक्रे
कन्दगांते पुल रिचान छीर केने गापाँ हैं साभी
तो मचारादें का दिल बरतो चत्रुस्ताँ शक्रे
नर्मुनाजुर की बदंती फिर मकां धोची गुदां तो फिर मकां धोची गुदां
खोधमा माईया तो फिर कंचा गुलावा नंड भी
कन्दगांते पुल रिचान छीर केने गापाँ हैं साभी
तो मचारादें का दिल बरतो चत्रुस्ताँ शक्रे
धीरदाथो धर्मया नागाँ चम्मे कफी तर नागाँ चम्मे कफी
धीरदाथो धर्मया नागाँ चम्मे कफी तर नागाँ चम्मे कफी
कौमनी चम्मानी रूके इच मबासाया तहीं
कंदा दाते ही पोल रे चांग छीर केने गापाँ हैं साभी
तो मचारादें का दिल बरतो चत्रुस्ताँ शक्रे
भसन भी दर्वरते
हां तो नए चीज़ दी थी
तो चत्रुस्ताँ शर्हानुल तो सुगेले तरवरे कंदा दाते ही पोल रे चांग
छीर केने गापाँ हैं साभी तो मचारादें का दिल बरतो चत्रुस्ताँ शक्रे