तबस्याक्याग अन्दरूनी दिर्शनकी मधूरे प्रवाहिनी
पुण्यिनि गेदन्की रोशनी धामकी नीव जीववादिनी
तबस्याक्याग अन्दरूनी दिर्शनकी मधूरे प्रवाहिनी
तबस्याक्याग अन्दरूनी दिर्शनकी मधूरे प्रवाहिनी
वाहिनी उन्निनिकेदनकी रोषनी धामकी निवजीववादिनी तबस्याकी आग़ अन्दरुनी
वायू मन्डल ओर महासागर्गुञ्चतहे तेरी जेजेका
वायू मन्डल ओर महासागर्गुञ्चतहे तेरी जेजेका
आसुमान वृसारे जैहान करते स्थूति वन्दनामहान।
सुनने आये हम तेरी पुका, तेरे मधुर स्वरको बारंबा।
ज्ञान कर्म भक्ति हो अग्रसल् चरणपल् तेंडवत् बारंबा।
तबस्याकी आग अन्दरुनी, दरिशनकी मधुर प्रवाहिनी।
धाम और आश्रम कुमस्वू, दुनिया प्रवाहिनी।
तत्याकीं जिमीन पृ।
की अधरिीषण को साचाका सीयम ऐमाना नमशीक।
की अधरिीषण को साचाका सीयम ऐमाना नमशीक।
दुनिया प्रवाहिनी।
तबस्याखि आगि अन्दरुनि दरिशनकि मधुरि प्रवाहिनि
आवु होर्चलोकि उकार्णि दिल्सेहम् स्वीकार्कर् आयेहम् तड़शिंगोकर् मसीकि दैयाहे अबरंबा
आयेहम् तड़शिंगोकर्
आयेहम् तड़शिंगोकर् मसीकि दैयाहे अबरंबा
तबस्याखि आगि अन्दरुनि दरिशनकि मधुरि प्रवाहिनि
इधिहास्के पत्ते पलकर् शत्षत्कि रागि तैकर् तेरे दर्शनकि चाग बढ़कर् तेरे रागि परगम्मु साफिर्
इधिहास्के पत्ते पलकर्
आत्मा है आनन्द सेविभू मन तेरी ज्ञान से है सरोका
कन में आजादी की जनका कन कन में प्रेशम साकास्वर्
तबस्याखि आगि अन्दरुनि दरिशनकि मधुरि परवाहिनि
तबस्याखि आगि अन्दरुनि दरिशनकि मधुरि परवाहिनि
तबस्याखि आगि अन्दरुनि दरिशनकि मधुरि परवाहिनि
तबस्याखि आगि अन्दरुनि दरिशनकि मधुरि परवाहिनि
तबस्याकी आग अन्दरुनी, धरिषनकी मधुर प्रवावी।
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