पुर्मई रात धलती जाती है।
रूह गंसे पिघलती जाती है।
तेरी जुल्फों से प्यार कौन करें।
अब तेरा इंतिजार कौन करें।
तुमको अपना बना के देख लिया।
एक बार आदमा के देख लिया।
बार बार इतबार कौन करें।
बार बार इतबार कौन करें।
बार बार इतबार कौन करें।
अब तेरा इंतिजार कौन करें।
आई दिले जार तो गुवार न हो।
उनकी चाहत में बेकरार न हो।
आई बदनसीबों से प्यार।
कौन करें।
बदनसीबों से प्यार।
कौन करें।
अब तेरा इंतजार कौन करें।