तेरी जात है अखबरी सरवरी
मेरी बाद क्यों बेर कितनी करी
तेरा नाम है पाकपार वर्दिगाम
तेरी रह्मतों का नहीं बुच्र दुमार
तू चाहे तो वो फूष्ट खैती हरी
मेरी बाद क्यों बेर कितनी करी
तेरी बाद क्यों बेर कितनी करी
तेरी जात है अखबरी सरवरी
मेरी बाद क्यों बेर कितनी करी
सुना था यह बत तेरा नूर है
तेरा नूर क्यों आज मजबूरी
तू चाहे तो वो फूष्ट खैती हरी
मेरी बाद क्यों बेर कितनी करी
तेरी जात है अखबरी सरवरी
मेरी बाद क्यों बेर कितनी करी
निभाहों में आशु, दुआओं में आशु
किजाओं में आशु, आजाओं में आशु
है दुनिया मेरी आशु
तेरी बाद क्यों बेर कितनी करी
मेरी बाद क्यों बेर कितनी करी