तेरी आद आ रहा है
तेरी आद आ रहा है
जानू मुझे को रुला रहा है
तेरी आद आ रहा है
जानू मुझे को सता रहा है
तेरी आद आ रहा है
जानू मुझे को रुला रहा है
तेरे सास बिताई सारी राते
कैसे भुलाऊं मिखी बाते
यादे में दिल मेरा रोता है
लिखा तेरा नाम धोता है
कैसा सिला दिला है
पल में भुला दिया है
जिसको उठाया नजरों ने
उसने भुला दिया है
महदी लगा के हाथ में
साधी रचा रही है
उस बेवाफा के आद में
मेरा दिल हो रहा है
तेरी याद आ रहा है
जान मुझको ससा रहा है
तुम भी जीना नहीं आता
कोई इस दिल को नहीं आता
कासे के लोटे के आ जाते
सारे सपने सजा जाते
हो गई कमी का प्यार में
छोड़ गई मज़धार में
तुम तो किसी की हो गई
मैं तड़पूल के जार में
क्या कहूँ जबी बिजेंदर
धर्कन बढ़ा रही है
धर्कन बढ़ा रही है
उस बेवाफा के आद में
मेरा दिल हो रहा है
तेरी आग आ रहा है
जान मुझको ससा रहा है