जंदरियां भी कभी होश में आने देखती नहींखोके भी ना चुदा हो नहीं तुछ से ये मिली कहानीदर्द में भी कभी लवसों से भी कभी भूल पा एत में कभीये तैया ये मेरी कहानीसासकी डोर से है बन्धी पल भर की ये जिन्दगानीप्यार प्यारसाल में तोम से भी होते हैं यूँ खफा कभीवक्त की साजिशे है पुरानीकुछ कही अनसुनी से कहानीसे विरह, सोमने भी भूल पा एत मेंडर्र प्राप्षान, झनोजि, इसे डडर रखा ना भा समयडर्र से भी कभी होते है बन्धी पल भर की ये जिन्दगानीलोट ओ कभी, दूरियों में कभी, पास ओ कभी।जन्दरी भी कभी, होश में आने देती नहीं।खोके भी ना चुदा हो रही।तुछ से ये मेरी।कहानी।कहानी।