बहुत सच्चे दर्बारी की
जैहो
बाबा मोहनरामी की
जैहो
तेरी घर घर जोत जड़े बाबा
कली उग मैं कला सवाई रहे
काली खोली गाँ मिलकपुर दुनिया पुजण आई रहे
रहे बाबा रहे ओ मोहन हो रहे बाबा रहे ओ मोहन हो
तर गाए चरान नंदु बाला काली खोली आता था
चोरी चोरी रोज मोहन तू नैनै खेल दिखा था
वोले चोरी चोरी रोज मोहन तू नैने खेल दिखा था
ता था और दूद वही पी जाथा था
तूद वही पी जाता था
तन अपनी कला दिखाई रहे
पाली खोडी साव
मिलकफुर दुनिया पुझन आई रहे
भूर पापारे ओ मोहन हूँ
भूला भाला भेश बनाके
परवति उपर आये थे
धुष्टों का सङहार करा भगतों के प्राण बचाएथे
धुष्टों का सङार करा भगतों के प्राण बचाएथे
भूला भाला भेश बनाके
परवति उपर आये थे
भगतों के प्रान बचाये थे
जो तेरी सरन में
आये थे
तन करदी दूर तवाई रहे
काली खोली गाँ मिलकपुर
दुनिया पुजण आयी रहे
अन्गिन भगत जगत से तारे नंदा नाई है
त्रोपत की लाज बचाई है
तेरी कहांत करूं बडाई रहे
काली खोली गाँ
मिलकपुर दुनिया पुजण आयी रहे
सच्चे मन से सच्ची भगती
सच्चा ध्यान धर तेरा
हम गुन गान करें तेरा
अरे सच्चे मन से सच्ची
भगती
सच्चा ध्यान धर तेरा
हम गुन गान करें तेरा
हरी समावी लिख लिख देरा हो हो हो
भाटीने गाई रे गाली खोड़ी गाँ मिलकपुर्ट दुनिया पुझण आई रे
हर जोत जड़े बाबा कलि युग में कला सवाई रे
गाली खोड़ी गाँ
मिलकपुर्ट दुनिया पुझण आई रे
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