यहावा तेरी खुश्बू लिये जाती है
हर सांस तेरी आदों को छुनती है
जब भी देखा तुझे धड़कन रुकसी गई
जैसे पहली
बारिश में भीगी मिठ्ती का नशा
तेरी आखों के समंदर में दूबने को
दिल बेकरार है
तेरी खुश्बू लिये जाती है हर सांस तेरी आधों को छुनती है
याईसे शम्म बिन अंधेरोँ का राश
तेरे हाथों की गर्मी को पुकरती हूं मैं
आओ मेरे पास अब तो
इंतजार ख़तम कर
है
तेरी आधों
मेरी मौत