तेरे सिवा मेरे पास कोई जीने की वज़ा नहीं है
क्या बताऊं मेरे लिए तू किस किस जगा नहीं है
तो यादों में,
फरियादों में,
मेरी बातों में,
जजबातों में
सोचा नहीं था चाहत में ऐसा किसा बन जाएगा
प्यार तेरा मेरी जंदगी का एक हिसा बन जाएगा
तुरातों में,
तुरख्वाबों में,
तुरइस पल में,
तुरहर पल में
जाना मेरी जाना दूर रहना ना जरा
साया तेरा साया मुझमें अब है इस तरह
बिन तेरे मेरी ज़िंद्गी अधूरी सी लगे
मेरी रह तेरे बिना सूनी सूनी سी लगे
सूनी सी लगे
सूनी सी लगे
तू सुब्भाप
तू
शामों में
तू नदियों की
है लहरों में
वह।
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