चान्द के
पीछे चुपा है तू
दिल के अंदर बसा है तू
मैं तो धूँद्धूँ
सपनों में
तेरे निशन
हर शबनम में
क्या ये महावबत है
या रूह का रिश्टा है
तेरे इश्ख में
प्रिति के रंगों में तू है
हवा के गीतों में तू है
जो भी चूँ
लगता है
बस तू ही तू
बस तू ही तू
है ये जुनू है ये दूआ का सकून है तेरे इश्ख में तेरे इश्ख में
खो गया हूँ मैं खो गया हूँ मैं दिल भी मेरा
सांस भी मेरा
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