एगाला जी महराज की प्यारी प्यारी भगतों,
कौन क्यों एक बाला जी महाराज का भग संकत से परेशान
होकर की बाला जी महराज की दुआर पर चले जाता है,
दुबर की बाबा से कहता है कि बाबा
आज में तेरे नर पे पहली बार आया हूँ,
मेरी बात
आज आपने सची सची पतानी है कि मेरे जीवन में क्यूं ये इतना अंधेरा है।
और कैसे बाला जी महराज के आगे रोँ रहा
है आज ये स्वजण के माधम से सुनिये कैसे।
तेरे दर पे आया किसमत का मारा बाला जी मैं जीवन से हारा
तेरे दर पे आया
किसमत का मारा
बाला जी मैं जीवन से हारा
बाला जी मैं जीवन से हारा
सची सची बात मेरी चान के बता दे बाबा दूदी और
पानी आज चान के बता दे बाबा कर्मो के कहानी पे
हूँ मेरा सूकी गया है
खिला चमन सारा है
बाला जी मैं जीवन से हारा बाला जी मैं जीवन से हारा
बाला जी मैं जीवन से हारा
धूर्गे मता काली माखी जोत मैं जला के देखी सिभोने हिनात की
कावड मैं चडा के देखी गंगा जम्ना पुझी ओर जले मैं नहा के देखी
ओ...
मैंने पल पल गाया राम भजन प्यारा है
बाला जी मैं जीवन से हारा बाला जी मैं जीवन से हारा
महन्दीपुर में आया मैं मेरा भी तू जान करिये दुखडे मेरे मैट का
मुझ बे तू एसान करिये मेरे मन की पीडा सुनके मेरा भी कल्यान करिये
''व्यवादABACLIP''
पलटा पल्टा कारी रेखा देख मेरे हाथों में
पाला जी मैं जीवन से हारा