तू जो चला गया धबूरी रह गई कहानी
आसमां है खाली पर तरे नाम की रवानी
हर डली हर मूर पर किया तुझे तलाश
तेरी जबी मेरी आँखो से होटे ना ये बयाण
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हाँ
हाँ
जब ही है तेरी खुछबू का सिरा
जिन लम होने लोगा अब छो मेथला घेरा
तेरा हर वादा एक खामोशनीत हो गया
दिल तेरे विमारित का धर बनगा
तेरे बिना धूरा हूं मैं
आदि रात को तेरा नाम पकगारूं मैं
तेरी हासी के बिना ये शहर भी सुनसान
सा तेरी आदवों में हर रात मैं जलता रहा
सुरज भी बोजासा चांद भी खोयासा
तेरा आना बहार तेरे बिना सब सुनासा
मेरी दुनिया तुझसे रोशन तुझसे मुकमल
तेरा हर दर्द में वा अतना ये रिष्टा अमुल राँ
तेरे बिना धूरा हूं मैं आदि रात को तेरा नाम पकगारूं मैं
जलता रहा
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