भगतों कौन क्यों इकबाला जी महराज का भग
सांसारिक दुखों से परिशान हो करके
महनीपूर के दरबार में पहुँच जाता है
और बाला जी महराज के दरबार के सामने खड़ा है
कहता है कि बाबा
सारे समाने को मैं देखर के आया हूँ
कहिंभी कुछ नहीं पाया
सब संसार ये मतलब का है कोई किसी का भाई कोई किसी का रिष्टेदार नहीं
और कैसे बाला जी महराज के सामने खड़ा है
आई ये इस भजन के मादम से रखते हैं
क्या कह रहा है सुन्ये कैसे
बाला जी एक तिरा सहारा है
बाला जी एक तिरा सहारा है
बाला जी एक तिरा सहारा है
आई रंग बदल भी दुनिया में ना कोई हमारा है
बाला जी एक तिरा सहारा है
बाला जी एक
तिरा सहारा है
बाला जी एक तिरा सहारा है
कोई ना सुनता बात हमारी
कोई ना सुनता बात हमारी
गोटे मेरे तूट लिये हैं
बविसागर से छूट लिये हैं
नहीं इस जलानी दर पे पड़ा है
हाँट जोड़ के कब से खड़ा है