अरे ओ भजने
कह दे पिया फोजी
ले कैसे नाराज है
पिया जी नाराज़गी की तो बात है
रे बावडी छे महिने मैं तो छुक्ती आया हूँ
हाँ
और गराते ही तु नाराज पाई
हाँ
तेरा तो कती भूल सा चेरा खिलता हुआ मिलना चीए था
पिया जी
मन तो मेरा खिलरा है
लेकिन फिर भी मेरे मन में कुछ बाते है
क्या बाते है
कि आपको कभी मेरी फ़ोज में भी आदाती है
यादाती है
वै कितनी बावी बात करे
कैसे
मैं डेली तेरे तो बात नी करता था
मैं तो सोचती हूँ कि आप मुझे फोनों पर ही बहकाते रहो बस
बहका हूँ ना हूँ
तेरा जो फोटू लेके गया था ना
हाँ
छे महिने तेरा फोटू देख देख काचे
अच्छा पिया जी
हाँ
तो कह दे गा के बता दे मुझे फिर
और सोने
सुना दे
जब भी मैं थोड़ा सा फिरी होता था
हाँ
तो तेरा फोटू ने देख देख
कितना राजी रहा करता
कितना
सुनने मेरी बात
सुना दे
रै के राँ फोटू गोरी
रै के राँ फोटू गोरी
तम्बू में पल्या रै
दिन रात देखता रहूं तेरा फोटू गोरी तम्बू में पढ़या रहे
दिन रात देखता रहूं तू आप पढ़या तम्बू में तरसे घर्या लो गाई
मात पिताने जुलम करे में पोजी गल्या ब्याई
दिन रात देखता रहूं
रात दना घर इकली मैं तो रो रो के ने काटू
ओडि सिवा सन बता जाले मैं क्यों करें दिल ने डाटू
रात दना घर इकली मैं तो रो रो के ने काटू
ओडि सिवा सन बता जाले मैं क्यों करें दिल ने काटू
पड़ी खाट में रोज रात में सुखी लियूं अंगडाई
मात पिता में जुलल करे में फोजी गे लिया व्याही
ओ तेरी फोटू ग्वरी तम्बू में पड़िया रे दिन रात देखता रहूं
इश्लिद खाट ना ना है
ओ तेरी खाट में जुलल करे में फोटू ग्वरी � तम्बू में रे दिन रात देखता रहूं
पीठ फेर क्यों, रे पीठ फेर क्यों, खड़ी हुई मुँ आशुओं ते बेके, आ गोरी तेर लाड करूँ तन गोदी के माले के
पीठ फेर क्यों, खड़ी हुई मुँ आशुओं ते बेके, आ गोरी तेर लाड करूँ तन गोदी के माले के
सूखे तीज तो हार लिकड़ जा, मेरी ननद के भाई, सूखे तीज तो हार लिकड़ जा, मेरी ननद के भाई
मात पिता नह जलम करे, मैं पोजी गल्यां ब्यागी
रेरा फोटू बोरी, तंबू मैं पड़िया रे, तिन रात देखता रहूँ
बीर सिवासन
बीर सिवासन घर तेरे कुछ करना चही है ख्याल
बिना मरद के डटे नहीं दिल दरिया की ओ झाल
बीर सिवासन घर तेरे कुछ करना चही है ख्याल
बिना मरद के डटे नहीं ओ दिल दरिया की जाल
ओ बीदर दी पागल कर दी मौरे हातरी जुदाई
ओ बीदर दी
काहल कर दी मारे है तेरी जुदाई
माद पिता में जुलम करे में
खोजी गय लिया ब्याही
पोटू गोरी तम्बू में पढ़िया रहे
दिन रात देखता रहूँ
ओ चोवारे में
चोवारे में गोरी तू क्यों खड़ी खड़ी कसके
खुटी आये पल्मगेलिया बोली ये हसके
ओ चोवारे में
चावारे मैं गोरी तू क्यों खड़ी खड़ी टसके
छुट्टी आये बल्लम गेल्यां बोली ये हसके
ना थी राम मन तेरी याद मैं रोटी तक ना खाई
बात पिताने जुलम करे मैं पोची गेल्यां ग्याही
अरे अप पड़या कंबु मैं तरसे तरसे धर्या लुगाई
आप पड़या कंबु मैं तरसे तरसे धर्या लुगाई
बात पिताने जुलम करे मैं पोची गेल्यां ग्याही
रे अप पड़या प्यारी कंबु मैं पड़्या लुगाई
सच्ची पिया जी
दिन रात देखता रहूँ
अच्छा
ओ तू गोड़ी
कम्बू मैं पढ़िया रहे
दिन रात देखता रहूँ
अच्छी