ऐसी रुद का इंतिजार जिसमें दिल की कली ना मुर्चाएऔर वफा के पानी से उस पौधे को सेचा जाएतब कहीं बाहर आती है और पच्छर चली जाती हैतब कहीं बाहर आती है और पच्छर चली जाती हैऐसी भी रुख आए नपत पच्छर रहे बहार तेरा मेरा लिख का प्यारआमत बलके विखर साथी रुख आती हैक्यों मुझे पोचल कार लिए होल गुजाधी भ्योरो मैंने बहुत दकारआमत بलके विखर साथी रुख आती हैआमत बलके विखर साथी रुख आती हैआमत बलके विखर साथी रुख आती हैकरते हैं