सारे लोग, जीने अपना, रह्मणया सारे थूर यो लिए
हुरा!? कोई ना किसे का बोड़े
जीने सारे लोग, जीने अपना, रह्मणया सारे थूर लिये
तेरे दिल यार बंगले, न कर गैन
एसीन याज केर रखेर, सप्रिया की ढील करगी
तेरे ठुत्तिरा में आके, मने छोड़ा गर्वार
मेरे जार की निसानी सारी निल करगी
मने छोड़ के निकला गयी, चाल के तू पला
तेरे कुछ सिरidis फिर मे तप के घट्सनमा
जो जोंग में याज करिया याखे ना
कसे खा भोड़ा की, जुठे सारे लोग
दूर यूलियोर
कोई न किसे का मोड़े, जूतने सब कोछ हांगर
कोई न किसे का मोड़े, जूतने सब कोछ हांगर
दूर यूलियोर
मैंने त्यारी उप कर्या था मेरा
इतना कसूर के तूटेगी रसजा
मैंने इस बात की
मैंने लिखी क्यों दूदाई मेरे हिस मैं कुदा
मेरे चार की कहानी ना थी एक राट की
आने रे सिथा वारी तेरी कोई ना कदर
आज गहरा की न सेमै मैं ठूर हुलिये
कोई न किसे का मोड़े, जूतने सारे लोग
जीनें अपनारे मन्या सारे दूर हुलिये
कोई न किसे का मोड़े, जूतने सारे लोग
जीनें अपनारे मन्या सारे दूर हुलिये