शीव के संग जैसे
रहस पारवाति बन के पिया के हम हो राहिसाद थी
शीव के संग जैसे रहस पारवाति बन के पिया के हम ओ राहिसाद थी
ए भोले बाबा
रखी हां सलामत से नूरावा हमार
निर जल का राताने तेज़ ते वहार जी
सुन ली ना यार जी करिले गुहार जी
निर
जल का राताने तेज़ ते वहार जी सुन ली ना यार जी करिले गुहार जी
सुरज के संगही पोगें गिरलिया तोटे लगी हां कवो नहीं आ किताँ
एह भोले बाबा
रखी हां सलामत से नूरावा हमार
ले बाबा
रखे हां सलामत से नूरा बाहा मार।
छोटे ना ही कबा हो
हाथावा से हाथ जी
सातो जनम ला बागे
पियाजे के साथ जी
दिया के संग जी से
राहे बाती बन के रहस्त जी जी
वान साथी
रोग बाबा लेया ना ही लागे एक बाद
भोले बाबा
रखे हां सलामत से
नूरा बाहा मार।