तज्ञी काश्मन शका जाना करी
तज्ञी काश्मन शका जाना करी
तज्ञी काश्मन शका जाना मनी
कैता हो
करे
वहदे के तैल
नामा दिरें
अहले दपे चुप साम करे वहदे के नामा दिरें
अहले दपे चुप साम करे
अरची के जली मन दिला दिल जल लगे हता नहें
कारे जमेस्तानी शपान नैवा बुले आराम खे
तस्वी काश्मन शका जाना मनी कैता हो करे
ओ दिल खयाला गो मताब के करो सरो
सूचा मरो
मन पाऊ मीचा जिंदगों जानी बुले पैगां खरी
साने गुले ओ चैगान तरे
मन पावले तां जिन्दगो
साने गुले ओ चैगान तरे वादेत तरे नामाघरे
अर्दिन के बे
अच मं जिता
आशक चो सालाद राज भी
आशक के नंदी तै भरा
यद साह के बरबाद
आशक के नंदी तै भरा
यद साह के बरबाद
कस भी कसी मरचपाद
वानामरे तै बाद
पूस्ट को की दीमन लगा
वातर पिकाईं फुला