या तेरा सोने बरगा सोने मैं करतू पीली चा लगी फिर बढ़ ठणके
तेरी गल्या क्यों जीरी तर जंकी भीवे भीडी बलामना तू दो धेले का
अजय को मंगवाओं जब पाकिया मिठाला वे ठीके बेर कती सुआइटर नीचे पैरा पजामा लागे तू अंधेर कती
ज्यादा ना बने तेरी कणक की गीरी बता तन कोण चलेगा
तेरी गल्या क्यों जीरी तर जंकी भीवे भीवे बलामना तू दो धेले का
ज्यादा ना बने तेरी कणक की गीरी बता तन कोण चलेगा
तेरी गल्या क्यों जीरी तर जंकी भीवे भीवे बलामना तू दो धेले का
तेरी गल्या क्यों जीरी तर जंकी भीवे भीवे बलामना तू दो धेले का
तेरी गल्या क्यों जीरी तर जंकी भीवे भीवे बलामना तू दो धेले का