अपनी
तलाश में
निकल पड़ा हूं मैं
मो जिन्दगी
इक लिवाज है
इसे ढो रहा हूं मैं
मौ
जा रहा ख़ही
पर खोया हूं यही
वो मेरी सुबा मिली ना कहीं
क्यों जी रहा हूं क्यों जी रहा हूं क्यों जी रहा हूं मैं
ये जहाँ मना है सवाल क्यों
कभी मैं जवाबों में गुम?
हो हो हो हो हो ओम हो हो हो हो हो हो हो ओम
पर मेरा न कोई
क्यों मिली मुझे तनहाई
क्यों जी रहा हूँ,
क्यों जी रहा हूँ,
क्यों जी रहा हूँ मैं