साथे सिरپिंदी यदू आफ़ट मी
अही मौल बनादी यह यंगांदे
साथे यह दैलंगरी चलने आँ
अही यमे नी करनाँ गांदे
साथे राज जाके राज नी करना
दिल्ली साथो रही थी दरना
यहते गल प्याब दी आजे
फिर ज़्वानी काखनी यरना
अही बैंदे नी या तखता तेनी यही तखती ही बुटले आँधे आणी यही बैंदे नी जाँ
बैंदे नी जाँ
यही
तखती ही बुटले आँधे आणी यही बैंदे नी जाँ
जेरे फिर दे दुनिया लुट दे सीनी यही ओ ही लटे रे लुटेने उनना मुण की
तावल सादे यसी ऐसे जड़ां तो पुटेना दे दिल समदराण पुटेने तो पुटेने
तो पुटेने तो पुटेने तो पुटेने तो पुटेने तो पुटेने तो पुटेने तो �
तो पुटेने तो पुटेने तो पुटेने तो पुटेने तो पुटेने