आदक सी हो गई थी शहर के शोर की भीड कीआदक सी हो गई थी अन्जाने चेरों की रास्तों कीसुबा से शाम उलजनों में जाती थीराते मुझे अखेला पाती थीआजाई ने में देखा जो खुद कोएक अजनवी दिखता है मुझे कोअब घर जाना है मुझेपहाडों में खो जाना है मुझेनहतानहतानहतापुले असमानों मेंजंगल के शोर मेंनदियों के गिनारों पेपत्तों की ओड मेंआखे खुली तोसमझ कुछ ना आयाकौन हूँ मैं पैचाद ना पायाअब घर जाना है मुझेपहाडों में खो जाना है मुझेमैं तालिंग राजियों मेंखुद को पा जाना है मुझेतो कश सिंदिगी के लिएये सासे तरफ पाया आयाअब घर जाना है मुझेपहाडों में खो जाना है मुझेमैं तालिंग राजियों मेंपहाडों में खो जाना है मुझेतो कश सिंदिगी के लिएये सासे तरफ पा जाना है मुझेअब घर जाना है मुझेपहाडों में खो जाना है मुझेमैं तालिंग राजियों मेंखुद को पा जाना है मुझेअब घर जाना है मुझे पहारों में खो जाना है मुझेबेहता है दुवादियों में खुद को पा जाना है मुझेअब घर जाना है मुझे पहारों में खो जाना है मुझेबेहता है दुवादियों में खुद को पा जाना है मुझे