ताज़ दारी दो आलम्
शहे अंधिया के नायत्
ये शामो सहर हो गई
ताज़ दारी दो
आलम् शहे अंधिया के
नायत्वे शामो सहर हो गई
पंज़ तन्पाक का
हमको सदका मिला
तम्ली वाले की हम पर नजर हो गई
पंज़ तन्पाक का हमको सदका मिला
तम्ली वाले की हम पर नजर हो गई
अरशी आज़व
पहुच हमारे नवी
रभने उम्मत की वखशिष का वादा किया
उनकी रह्मत की तम्ली
खता पोशे की
मेरी हर कथा रह गुजर हो गई
ताजितारि
दूआनंशहि अंभियाकी इनायत शामो सहर हो गई
तम्ली वाले की हम पर नजर हो गई
तम्ली वाले की हम पर नजर हो गई
बाप मादर है आलाद से प्यार वो
हर बिरादर है
अजदाद से प्यार वो
उनकी चाहत से
ईमान कामिल हुआ
शिष्प में जिन्दगी ये बसर
हो गई
ताजितारि दूआनंशहि अंभियाकी इनायत शामो सहर हो गई
तम्ली वाले की हम पर नजर हो गई
रह्मते किबरिया है भबीबे खुदा
भेकसों के मसीहा रसूले खुदा
जब भी मुश्किल में
उनको
पुकारा गया
तम्की मारो की
पून को खबर हो गई
ताजितारि
दूआनंशहि अंभियाकी इनायत शामो सहर हो गई
तम्ली वाले की हम पर नजर
हो गई
तम्ली वाले की हम पर नजर हो गई
उनके जल्बों से तारे चमकने लगे
उनसे तारे का चमन ये महकने लगे
जिकरे शाहे उमम
की वो दौलक मिली
जिंदगी चैन से अब बसर हो गई
ताजितारि दूआनंशहि अंभियाकी इनायत शामो सहर हो गई
तम्ली वाले की हम पर नजर
हो गई
तम्ली वाले की हम पर नजर हो गई
तम्ली वाले की हम पर नजर हो गई
तम्ली वाले की हम पर नजर हो गई