किस्मत में मेरी चैंसे जीना लिख दे
डूबे न कभी मेरा सफीना लिख दे
जन्नत बिगारा है
जन्नत बिगारा है मगर मेरे लिए
एकात बे तकदीर बस मधीना लिख दे
टाज़ दारे हरम हो निकाहे करम ओ खरम
टाज़ दारे हरम ओ निकाहे करम ओ करम
टाज़ दारे हरम ओ निकाहे करम ओ ताज़ दारे हरम
चष्मे रह्मत बाकुशासू वे मनन्दाज नगर
एक रश्वी लकबू घाश्मियो मुतलबी
टाज़ दारे हरम ओ निकाहे करम ओ करम
टाज़ दारे हरम ओ निकाहे करम ताज़ दारे हरम
क्या तुम से कहू ए रब के कावर तुम जानत हो मन की बतिया
दर फुरकत तो ए उम्मिल कब काठे न कठत है अब रतिया
तोरी प्रीत में सुद बुद सब बिसरी कब तक ये रहेगी बेखबरी
गागे मफ़ि गंदुस दीदा नजर कभी सुन भी तो लो हमरी बतिया
टाज़ दारे हरम ओ निकाहे करम ओ करम टाज़ दारे हरम निकाहे करम ताज़ दारे हरम
टाज़ दारे हरम ओ निकाहे करम ताज़ दारे हरम ओ निकाहे करम
हम गरीबों के दिन भी सावर जाएंगे वाली ये बेकसाँ
क्या कहेगा जहाँ आपके दर से खाली अगर जाएंगे
टाज़ दारे हरम ओ निकाहे करम ओ करम टाज़ दारे हरम निकाहे करम ताज़ दारे हरम
कोई अपना नहीं गम के मारे हैं हम आका कोई अपना नहीं गम के मारे हैं हम
आपके दर पे फरियाद लाए हैं हम ओ निकाहे करम ओ निकाहे करम
वर ना चोखट पे हम आपका नाम लेके मर जाएंगे
टाज़ दारे हरम निकाहे करम टाज़ दारे हरम
खौफ तूफान है बिजलियों का है डर
सखत मुश्किल है आका किधर जाएं हम आप ही गर न लेंगे हमारी खबर
मुसीबत के मारे किधर जाएंगे टाज़ दारे हरम ओ निकाहे करम ओ करम टाज़ दारे हरम निकाहे करम ताज़ दारे हरम
कहना सबा भुदूर से कहता है एक गुलां
बस एक नजर हो एक नजर का सवाल है या मुस्तफा या मुझ्टबा इर्भं लना इर्भं लना दस्ते हमा बेचारा रां दामा तूई फुरसा तूई
मन आसियं मन आजिजं मन आसियं मन आजिजं मन बेकसं भाले मरा या शाफ़ई रोजे जजा पुरसा तूई
आई मुझ्टबे जंबर फिशा पैके नसी में सुभधम आई चारा गर अईसा नफस आई मुनिसे बीमार गं मैं कासिदे फर्खुंदा पैः तुझको उसी गुल की कसं
इनिल तयारी हसाबा याउमन इला अरदिल हरम बल्लिग सलामी रौदतन फीहन नभीयूल मुहतरम ताजदार हरम
मैं कशुनाई आओ मदीने चले आओ मदीन
मैं कशुनाई आओ मदीने चले आओ मदीन
चले आओ मदीने चले तुकरण जो अलम सब छड़ते हैं
हसनैन के सदके बढ़ते हैं मदीने चले आओ मदीने
क्योंकि तजल्लियों की अजब है फजा मदीने में
निगाहे शौक की हैं इंतहा मदीने में
घमे हयात न खौफे कजा मदीने में
नमाद इश्क करेंगे अदा मदीने में
इधर उधर न भटकते फिरो खुदा के लिए
बराहे रास है राहे खुदा मदीने में
मदीने चले आओ मदीने चले
आओ मदीने चले मैं कशो आओ
मदीने चले दस्त साकी कौसल से पीने चले
याद रखो अगर उठ गई एक नजर वो नजर
जितने खाली है सब जाम भरे जाएंगे
ताज़ दारे हरम निगाहे करम