ओ मेरी मा कै भिगणी ए पसंद आरी तू
जिसी सोची थी मन है तूझ मनू की सैनू
ओ मेरी मा कै भिगणी ए पसंद आरी तू
जिसी सोची थी मन है तूझ मनू की सैनू
हुआ तिरा मेरा ब्याहा मेरा चधरा सचा
बस खोया रहू इसे ख्याल मैं
रहू इसे ख्याल मैं
हाँ फिर जडडा याली दून दिका नजारा लेवांगे
दोनू बैठ करें एक इशाल मैं
हाँ फिर जडडा याली दून दिका नजारा लेवांगे
दोनू बैठ करें एक इशाल मैं
दोनू बैठ करें एक इशाल मैं
हो जब मंदी मंदी पड़े गिया उस तेरे छहरे पे
चमकेगा जमा हीरे मोतियां की जूँ
रावा एक दूसरे न चुप चाप देखते बस आपस मैं बात करें तेरी मेरी रूँ
जब मंदी मंदी पड़े गिया उस तेरे छहरे पे चमकेगा जमा हीरे मोतियां की जूँ
रावा एक दूसरे न चुप चाप देखते बस आपस मैं बात करें तेरी मेरी रूँ
मैं भी जिंदगी मेरी आं तिरे नाम लिख दूँ तू भी सात रहे हर हाल मैं
सात रहे हर हाल मैं
हाँ फिर जटा याली दूंद का नजारा लेवांगे दोनु बैट कहने किशाल मैं
हाँ फिर जटा याली दूंद का नजारा लेवांगे दोनु बैट कहने किशाल मैं
हाँ दोनु बैट कहने किशाल मैं
मेरे घर की लाक्षमी तू बन केन आवे
तिरे आन ते या सारे रोण कसी लाग जावे
अज जागडा यू तिरे धोके पैर पी ले
गाजा मेरे माँ बाबूने तू पल कहा पैर बिठावे
माँ बाबूने तू पल कहा पैर बिठावे
मेरे घर की लाक्षमी तू बन केन आवे तिरे आन ते या सारे रोण कसी लाग जावे
अज जागडा यू तिरे धोके पैर पी ले गाजा
मेरे माँ बाबूने तू पल कहा पैर बिठावे
तिरे कदम कदम पै मैं फूल बिछादूं तिरी बन के रहूंगा ठाल मैं
हाँ फिर जाडडा याली दून दिका नजारा लेवांगे तूननू बैठ केन एक खिशाल मैं
हाँ फिर जाडडा याली दून दिका नजारा लेवांगे तूननू बैठ केन एक खिशाल मैं
हाँ तूननू बैठ केन एक खिशाल मैं
तिरे कदमा की आहट सुनके
ये फूल खिलने त्यार हुआँ
मने प्यार हुआँ बार बार हुआँ
बस तेरे तै हर बार हुआँ
इस बेरंग सी मेरी जिंदगी में
तिरे प्यार का रंग बेशुमार हुआँ
एक मा बापू मेरी दुमिया सें
दुजी तू मेरा संसार होई
हाई तू मेरा संसार होई
ऐसे रॉक