घर घर दिपवली मनावो जी
कमल से महल को सजावो जी
घर घर दिपवली मनावो जी
कमल से महल को सजावो जी
गोली गोली ही कोना कोना
भगबाबा ले छा गई
गोली गोली ही कोना कोना
भगबाबा ले छा गई
स्वागत करो स्वागत करो मोदे जी फिर से आ गए
तिलक लगावो फुल बरसावो आरती बहुतार जी
माचल को हारबा खुस केला हारबा जै जै गुँज चारू वोरजी
तिलक लगावो फुल बरसावो आरती बहुतार जी
माचल को हारबा खुस केला हारबा
जै गुणज चारू वोरजी
जय जय गुझे चारू ओर जी
जिसका इंत हजार था हमको विजय आज पा गए
स्वागत कोरो स्वागत कोरो मोदेज फिर से आ गए
स्वागत कोरो स्वागत कोरो मोदेज फिर से आ गए
जुन महिन मंगल दिना आज मंगल माँ एवे
बापी सबस होई विक़स अब की दे सबा के तो एवे
जुन महिन मंगल दिना आज मंगल माँ एवे
बापी सबस होई विक़स अब की दे सबा के तो एवे
पिसना खुशबु के गाबल गितियें
सब के मन को भागए
रिसना खुशबू के गाबाल गितिया
सब के मन को भागए
स्वागत कोरो को स्वागत कोरो
मोदे जी फिर से आगए
स्वागत कोरो को स्वागत कोरो
मोदे जी फिर से आगए
झाल