আজে গাডি ধালি
মহা পোধ্য়ে রাজাজি
আজে গাডি ধালি মহা পোধ্য়ে রাজাজি
সুতে কে
মন্যাকোরে রাজাজি
আজে গাডি ধালি মহা পোধ্য়ে রাজাজি
আজে গাডি ধালি
মহা পোধ্য়ে রাজাজি
सुते की मनवाख,
ओरे रौवा, गोधी ये राजाजी
सुते की मनवाख,
ओरे रौवा, गोधी ये राजाजी
समाचर का पूछातानी साब कुछ के सुखबा
बूझे के तब उझाते बानी कोवना बत के दूखबा
सामाचर का पूछातानी साब कुछ के सुखबा
बूझे के तब उझातेबानी कोवना बत के दूखबा
छूती जे नहीं थे, मीलाथ नकरे, छूडडा दी येराजाजी
छूते जे नहीं थे, मीलाथ नकरे, छूडडा दी येराजाजी
सुते के मनवा करे रवा गोधी ये
राजा जी
बारह तेरह घंटा लापिया जाइब भिहार में
सुख होता जबानी के हरी अरी इन्तजार में
बारह तेरह घंटा लागिया जाइब भिहार में
बारह तेरह घंटा लाबिया जाइब भिहार में
सुते के मनवा करे रवा गोधी ये राजा जी