सुन
सुन मुर्धडगन के धुन
सुन सुन मुर्धडगन के धुन
कहते तुला प्यार करत हों
के तुर बिन रहे नहीं सको
आके मुर्धडगन ला सुन
सुन सुन मुर्धडगन के धुन
कि ये माते ही समाएं फिर दूरी कहें बनाएं
आके मुर्धडगन ला सुन
सुन
सुन मुर्धडगन के धुन
हरी अर्चूरी मंगवाहू
लाली लाचा सिलवाहू
हो ही हम दूनों के विहाव
हरी अर्चूरी मंगवाहू
लाली लाचा सिलवाहू हो ही हम दूनों के विहाव
माथा माथ चन्दा की टिकली सूरज तूर मुंदरी बन ही छाही मया के मड़बाच्छाव
धक धक करते का कहते बताए नहीं सको
सुन
सुन मुर्धडकन के धुन
सुन
सुन मुर्धडकन के धुन
सुन सुन मुर्धडकन के धुन
कहते तूला प्यार करत हो के तूर बिन रहे नहीं सको
के मात ही समाए
फिर दूरी काहे बनाए
आखे मुर्धडकन ला सुन
सुन
सुन
मुर्धडकन के धुन
हाँ सुन सुन धडकन के धुन