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Lời bài hát: Sultan Puri Jhatka

Nhạc sĩ: Ruchi Yadav

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

एक्यो होई जे पाँच लाइन के वहईया
वही पाँच लाइन में समझें गे
कवीजी बड़ी बढ़िया बात लिखेन वही
औना समझे कोई बद्धसो लाइन में न समझ में आए
एका हमेरे कहती सुल्तानपुरी लटका कही जाते
अबे ती सब परियाग राज के रहन से
अभी सुल्तानपुर वाला चला कही छे
कहे जय जय कल जुग महराज
की जय जय कल जुग महराज
तोरे माथे बन्धा बताज
आई शबकारी काला जुगावाई ले उड़ा
जय जय कल जुग महराज
तोरे माथे बन्धा बताज आई शबकारी काल जुगावाई ले
ये कल जुग चलते वा न ती जय जय जय न बात होते वा कवी जी लिखेन कही छे
पहिले गजब रहा वेवहार
तो मानो मानो मेथा प्यारी अपतो रोज होई टकदार
कल जुगावाई ले ये कल
जुगावाई ले तकदार
कल जुगावाई ले ये कल जुगावाई ले तकदार
कल जुगावाई ले ये कल जुगावाई ले तकदार
कल जुगावाई ले तकदार कल जुगावाई ले तकदार
पहिले के प्रेम में ये प्रेम में बड़ा यंतर होईगी बाद
प्रेम मतलब प्रेम बेवहार
पहिले काका दादा लोग जहां मिले
चाहिए हवते भर बाद मिले
आप ये भावी जी
विद्ध्यापाल जी
मुन्ना भावाई की आप भोजी जी
भावजी जी
51 रुपय का महान आशिर्वात गोट चुके पहली बाद लाक लाक आशिर्वात के चार ही
एक सोर में सबके नमस्तपणाम शुकार हूँ
गया प्रसाद के दूसरे नमबर लड़के चंचलपाल जी
आप दूसरे नमबर के
शुक पुत्र जी चंचलपाल इस भाव को समझते हुए
सोर रुपय का महान आशिर्वात गोट चुके पहली बाद पहले
काका दादा लोग के प्रेम में बड़ा यंतर रहा
नी आपके भईया लोग के प्रेम में बड़ा यंतर बाद
पहले मिले तो सब कहा काँ भाव बड़ीया बाद
आपके सम्मिलियत गर्या एक बात होती है
इत जवाना जाईगी बाद
पहले सब इतना खेती बारी में बिजी रहा है तो
वो सबके रिष्देधारी नातेधारी जाएगी टाइम रहान
अभी या बोले
केस भाईया पहले बड़ा या उतर है या बवत्या नाई
कही ये काकरी टाइम नाई मिले
अभी ये गर पूछा जाए
तो उतर दे
के जवाब केहोगे नाई बे
कहा ये पहले जवान काम 3 दिन में होत रहा नाज वे 1 दिन में होत बाई
जवान 1 दिन में होत रहा नाज वे 1 घंटम होत बाई
तब वो केहोगे टाइम नाई बे ये भाईया या
अगली लाइन में गुरुजी लिखें का
नाही छोट बड़े काई परदा
ता लेडीज घूमे बन के मरदा
होई गया संसकार कुल गरदा
लज़ बे वे इन मा वोई गया संसकार
लज़ बे इन मा वोई गया संसकार
बाई तब वो गया जाती था नाई बे ये भाईया नाई बे
बाई तब वो गया जाती था नाई बे ये भाईया नाई बे
बाई तब वो गया जाती था नाई बे ये भाईया नाई बे
बाई तब वो गया जाती था नाई बे ये भाईया नाई बे
आज के जवानम बापी अपने बेटवास कात
पहे कऊर बनगते है यार मज़ाय ना आजाय
बादा
बेटवाई अपने बाप से कहा है बाबु तनी मले रहा है
खेतें पानी लगाई के आजी है तनी एनरजी बनी रहा है
बाप पूते एक दुसरे कमपनी देता है ती सरके जरूतता ही नाई बे ये भाईया नाई
अगली लाइन में गुरुजी लिखेन का
कि पहिले कहे जै बुढ़िया माई
तो कमो हुँ खाई नहीं दवाई यब तो इंजेक्षन गाया ही काला जुगा वाई माई
पहिले कहे जै बुढ़िया माई ये काकी दादी वाली होती बाया है
पहिले दादी लोग इतना काम करें कि याल फाल्तु बात बतलाई
वरे ये केहों क दुगारे जै कुंके लगे टाइम नाई रहा है
काहे पहिले
दाल वल दर जयतल है जात चलत है चकरी चलत लही
ते भाईया जेतना मुठी दाल डलाई
काहे वहीनी इंजोन बतिया खो बतिया अपनी लया है
बा
कुकरे बाध टाइम ना मिले
बा
या पत सारा काम खतम काई के गहरे सवभाल लागता है
बा
अव सवभाल लागता है तो 5 बजे पहीले उठे वाली
नायता
नाएबे
बा
का करवे ये भाईये जमाना भी गबाया
बा
पहले के
काकी माई जब इतना काम करते हुँ के कोणों भिमारी घरते ही नही रही
बा
अपत व
बा
आये अपत ये भाईये
बा
45 आल 45 आल डाकी नाएद कतो कमर पकल लीज़ बा
कतो गोड़ पकल लीज़ बा
कतो मूड पिरात बा बा
तीन तीन चर्चर बारे टरसाउन करा वोते हैं
कतो ये आखिर सही दिखाते नाएबे
का करवे ये सब फर्ष फूट के कमाल है याद बा
पहले दुच्यार गाउं हेरात येक भाईद मिलत रहे हैं बा
आवे एक एक गलीं 12-12 डाक्तर रहा होने हो वे चारे संतुष्टी से नाय
हैं नाय हैं बा डाक्तर वे चारे हुस्यार न रहा है ती नीचे गीर जाएं बा
कवी जी आगे लिखते हैं का बा आप घरमालिक पर
अच्छानाऍटगंग्मंन पर पसप्रतखनादनिया
लिकतामानpe
तगवम अब भवरत बाई गाड़ी, पवबई
हुण्डा के जब गाड़ी, कला जुदा गाई मा,
पवबई हुण्डा के जब गाड़ी,
खाके गुटका पियत तारी, घूम भवरत बाई गाड़ी,
केवरा की पावन दर्ती से आप बड़े भाई सरी भी पिनपाल जी,
एक सो रुपई का महान अशिर्वाद गोडच के पहली गी दाव,
भगवती परसाद आप बढ़का भाईया चंचल जी के दोष्ते हुए,
सो रुपई का महान अशिर्वाद इस भाव को समझते हुए,
इस चंचल भाईया के मामा जी के लड़के है,
हरिकेश पाल जी,
बढ़का भाईया जी दारा इस सो रुपई का महान अशिर्वाद गोडच के पहली गी बाव,
आज के जोवनी भाईया लोग बातें,
दस नाई पास नाई करतें तो जानलें को नसा चाहे,
जे तनस है तना गावन हो नसा करता है,
बस नसा तनीक फ़रक बाये भाईया,
ननकाय वालें काई मासूम आंटी चलत है,
बढ़का भाईया हरेन वाली ताकत राज़ सिर्फ,
सब टोटल पीत है,
वो
गोल्ड फ्लाइग पीत है,
एक गेने हमरे गावन रहेन बराते सलोट करें,
कहें कहो बरतीय मजय आये,
एक नयाय,
कहें चो मारे राज़ो दिमाग खराब होये,
कहें कहे बरे,
कहें जानले बस एक पाइक के कसर रहे,
एक पाइक एवर मिली होत,
विश्वाज माना जोनी कपडा उजर पहिर के गरहे,
ये करीये वेक लोटत,
भाईये,
अरोजनाली लोटत रहे, वो के खबर नाई विये,
काये भाईये,
पहले के जमाना में सब महुव खात रहे,
अब महुव पीत है,
बस अंतर यही बाग खाए,
वो अंसार के सबसे अमीर आदमी होगी,
काये कर बाईये,
लेकिन जब दुलहीनीक बात होय लगे,
कहीं ये बाबु,
घरे वाली ये पाची दे,
पलसर दे,
होंडा साइन दे,
तबही भी यहां माने नाहीत माने जिन,
तुहीन करे, हम तो नहीं करे,
भाईयान,
चायी रोज पीके नालीन लोटत रहे,
उसका कुकुरो भिल्यार नाही पुछते,
कहीं ये काव काटी,
आज काटे ताइ भियान, फिर ही गिरीची,
तुमका नाही काटे, जग करत होई, हम नहीं काटे,
नाही काणा रहे, खोच जाए,
नाही तमही बुरा लागेया, ये भियान,
आगे गुरुजी लिखेन का,
कि पहिले दूधो पीए नर नारी,
अब तो दार्यो कै भी मारी,
पीके करात मारा मारी,
कालाय लोगा वाई,
पीके करात मारा मारी,
कालाय लोगा वाई,
पहिले दूधो पीए नर नारी,
पहिले पसुपालन होत रहा अंत,
दूध दही मठा खातीर,
हम वो खाई बगली वाले खाई,
अब तो जब से ही डेरी खुल गया,
पराग डेरी, चिर्याग डेरी,
मदर डेरी,
लंडन डेरी,
सारा दूध विदेश चलाया तब,
हिंदुस्तान वाले, अमूल दूध पीता है इंडिया,
बड़े कर्व से ये भाईया,
अब वाले
केला दूध पीयते हैं,
जिम जोएंग करते हैं,
चार दाएशेशे काई देन बस काम खाता हुआ,
कहाई देखी तनी निकली उकली गिनाये,
पहले वाले नकल लोहा बाड़ी होते हैं,
ये बाले नकल लोहा बाड़ी होती हैं,
इ कल्यूग में 90% होते हैं बढ़े,
आप सब देखें,
समझें,
हम सी ज़्यादा बुद्धजीवी हैं,
आखरी में गुरुजी लिखते हैं,
भारती यादो कहाई पुकार,
रूची कुछ तो करा सुधार, न तांसे देश संसार,
कालाजी बावाई, न तांसे देश संसार,
कालाजी बावाई, न तांसे देश संसार,

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